झारखंड मुख्यमंत्री कैंटीन योजना 5 रुपये में पोष्टिक आहार
झारखंड की नई सरकार ने विभिन्न प्रकार की योजनाओं से नागरिकों को सराबोर किया. इन्हीं योजनाओं में एक पुरानी योजना को का नाम बदलकर उसमें कुछ महत्वपूर्ण बदलाव किए गए इस योजना का नाम पहले मुख्यमंत्री दाल भारतीय योजना था जिसे बदलकर मुख्यमंत्री कैंटीन योजना कर दिया गया है.
मुख्यमंत्री दाल भात योजना के अंतर्गत पहले 377 केंद्रों में महज 5 रुपये प्रति थाली प्रत्येक गरीब व्यक्ति को दी जाती थी. इस योजना के जरिए गरीबों को कम रुपए में पौष्टिक आहार सरकार की तरफ से उपलब्ध कराया जा रहा था. फिलहाल इस योजना को इसी तरह से चलाया जाएगा लेकिन नाम बदलने के साथ ही इसमें यह बदलाव किया जाएगा कि इस तरह के केंद्र ग्रामीण क्षेत्रों में भी शुरू किए जा सके और इनका बड़े पैमाने पर विस्तार किया जा सके.
इस तरह की थाली योजना कई प्रदेशों में सुचारू रूप से चलाई जा रही है और इसके बहुत अच्छे परिणाम सामने आए हैं गरीबों को भरपेट खाना कम रुपए में उपलब्ध कराना सरकार की एक बहुत अच्छी योजना है.
झारखंड सरकार के नए मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने मुख्यमंत्री कैंटीन योजना को शुरू करने के लिए 700000000 रुपये देने का प्रावधान बजट में पेश किया है. साथ ही यह भी कहा है कि इस योजना को सही तरह से ग्रामीण क्षेत्रों में भी शुरू किया जाए और धीरे-धीरे इनके केंद्रों में वृद्धि भी की जाए ताकि ज्यादा से ज्यादा लोगों को इस योजना के अंतर्गत लाभ प्राप्त हो सके.
इस तरह की योजना के जरिए सभी वर्ग के लोगों को लाभ दिया जाता है. महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ जैसे अन्य सभी राज्यों में भी इस तरह की थाली योजना चलाई जा रही है जिसके बहुत अच्छे परिणाम सामने आए हैं. झारखंड सरकार ने भी मुख्यमंत्री दाल भात योजना के रूप में कई वर्षों से इस योजना को संचालित किया है परंतु इस वर्ष इस योजना का नाम बदलकर इसमें विशेष बदलाव किए गए हैं. अब आने वाले भविष्य में यह योजना कितनी कारगर साबित होती है यह देखा जाएगा.
झारखंड के नए मुख्यमंत्री ने गरीबों के लिए विभिन्न प्रकार की सुविधाएं शुरू की है. इसके साथ ही किसानों एवं छात्र छात्राओं के लिए भी बहुत अच्छी योजनाएं शुरू करने का फैसला लिया गया है. यह झारखंड सरकार का सबसे पहला बजट था जिसमें काफी अच्छी योजनाएं सरकार द्वारा शुरू की जा रही है जिसका लाभ नागरिकों को जल्द से जल्द प्राप्त होगा.
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