यूपी मुख्यमंत्री कृषक दुर्घटना कल्याण योजना 2020 (Mukhyamantri Krishak Durghatna Kalyan Yojana UP in hindi)
योगी सरकार ने उत्तर प्रदेश के किसानों और बटाईदारओं को मध्य नजर रखते हुए उनके लिए एक लाभकारी योजना की शुरुआत कर दी है. मुख्यमंत्री कृषक कल्याण योजना को दोबारा से इसमें नई सुविधाओं और नए नियमों के साथ बदलाव करके किसानों के लिए शुरू किया जा रहा है. नए रूप में शुरू की जाने वाली इस योजना से किसानों को अत्यधिक लाभ मिल सकेगा. इस योजना के नए नियम के अनुसार बीमे के वारिस के तौर पर किसान के परिवार के अलावा बटाईदार भी हकदार हो सकेगा. इस योजना के अंतर्गत उत्तर प्रदेश के करीब 2 करोड 38,22000 किसान लाभ उठा सकेंगे. योगी सरकार के कैबिनेट बैठक में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस योजना का निर्वहन किया.
कृषक बीमा योजना से मिलने वाले लाभ क्या क्या है ?
- योजना में नए बदलाव के अंतर्गत अब बटाईदार भी योजना का लाभ उठाने के लिए सक्षम है.
- योजना के अंतर्गत मिलने वाली रकम 5,00000 रूपए तक की होगी.
- यदि कोई प्राकृतिक आपदा आ जाती है या फिर किसान अनचाहे दुर्घटना का शिकार हो जाता है, तो 18 से 70 वर्ष की आयु तक के किसानों को इसका लाभ प्रदान किया जाएगा.
- ऐसा देखा जाता है, कि किसी किसान की मृत्यु हो जाने के बाद उसके परिवार में जैसे :- पत्नी, बेटा, बेटी और बहू किसान की जमीन को अपने नाम ट्रांसफर नहीं करवाते हैं, परंतु इस स्थिति में भी योजना का लाभ किसान के अगले होने वाले वारिस को प्रदान किया जाएगा.
- इस योजना का लाभ किसान के मृत्यु होने के बाद उसकी पत्नी , बेटे या फिर उसकी शादीशुदा बेटी को भी प्राप्त हो सकता है. पहले के पूर्ववर्ती सरकारों ने मुख्यमंत्री कृषक बीमा योजना के लिए लगभग सभी बीमा कंपनियों को 600 करोड़ रुपए की प्रीमियम धनराशि प्रदान करते थे. सभी प्रकार की बीमा कंपनियां अपने जटिल प्रक्रियाओं के कारण सभी पात्र किसान को लाभ नहीं दे पाती थी और 600 करोड रुपए में से केवल 200 करोड रुपए ही बीमा कंपनी किसानों के लिए खर्च करती थी. लेकिन योजना में नए बदलाव होने के कारण अब पूरा का पूरा प्रीमियम धनराशि किसानों के लाभ के लिए खर्च किया जाएगा.
- अब योगी सरकार सीधे डीबीटी के माध्यम से सीधे प्रीमियम की धनराशि को किसानों के बैंक खातों में भेजा करेगी, जिससे किसानों को पूरा का पूरा लाभ योजना से मिल सकेगा.
- पात्र किसान को किसी भी अनचाहे दुर्घटना का शिकार होने पर इस योजना के लिए 45 दिन के भीतर ही आवेदन करके योजना का दावा पेश करना आवश्यक होगा और फिर पात्र किसान को इस योजना के तहत मिलने वाले लाभ को प्रदान किया जाएगा.
- योजना के लिए दावा करने के 1 महीने के पहले ही योजना के लिए संबंधित किसान के खाते से ही योजना का भुगतान किया जाना आवश्यक होगा.
- यदि आवेदन करने में एक माह का समय व्यतीत हो जाता है, तो इस स्थिति में जिला अधिकारी एक माह का क्षमादान आवेदनकर्ता को प्रदान किया जाएगा.
योजना का लाभ कब और किस-किस को मिल सकेगा ?
इस योजना का लाभ इसमें बदलाव करने से पहले किसान और सह-खातेदार ही उठा पाते थे. परंतु इसमें नए बदलाव के बाद किसान की पत्नी, पुत्र, पुत्री, पोता एवं पोती भी बटाईदार के साथ योजना का लाभ उठाने के लिए हिस्सेदार हो सकेंगे. 18 से 70 वर्ष तक की उम्र वाले किसान इस योजना का लाभ उठाने के लिए सक्षम रहेंगे. 14 सितंबर 2019 से इस योजना का लाभ किसानों को मिलेगा.
मुख्यमंत्री कृषक दुर्घटना बीमा योजना को आरंभ करने के लिए मापदंड क्या है ?
- किसी कारणवश किसान की मृत्यु या फिर किसान को किसी भी प्रकार की दिव्यांगता हो जाती है, तो इस योजना का लाभ उठाने के लिए उसको दुर्घटना के 45 दिनों के भीतर ही आवेदन करना आवश्यक होगा. अपने इस आवेदन को कुछ जरूरी दस्तावेजों के साथ लाभार्थी तहसील कार्यालय में आवेदन कर सकता है. 1 महीने के देरी से आवेदन करने के लिए योजना में जिला-अधिकारी क्षमा याचिका की विनती को स्वीकार कर सकता है.
- यदि वहीं पर 75 दिनों से अधिक समय बाद कोई योजना में आवेदन करता है, तो उसके लिए कोई विचार नहीं किया जा सकता है.
उत्तर प्रदेश सरकार किसानों के हित के लिए नई नई योजनाएं प्रस्तुत करता रहता है और उन्हीं योजनाओं में से इस योजना को भी किसानों के हित के लिए शुरू किया गया है.
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