पीएम कुसुम योजना (PM KUSUM Yojana in Hindi) 20 लाख किसानों को मिलेगा सोलर पंप – बजट 2020
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण जी ने अपने बजट की शुरुआत किसानों को दिए जाने वाले फायदे के साथ की है. किसानों के लिए उन्होंने एक तरफ कुछ नई योजनायें लाने का ऐलान किया है, तो दूसरी ओर कुछ पुरानी योजना का विस्तार करने का फैसला भी किया है. इन्हीं में से एक हैं प्रधानमंत्री कुसुम योजना, जिसका पूरा नाम ‘प्रधानमंत्री कृषि ऊर्जा सुरक्षा उत्थान महाभियान योजना’ है. इस योजना को साल 2018 – 19 के आम बजट में घोषित किया गया था. और अब इस साल यानि साल 2020 – 21 के आम बजट में इस योजना के विस्तार की घोषणा की गई है.
इस योजना के विस्तार में यह प्रावधान किया जा रहा है कि अब ज्यादा से ज्यादा किसान इस योजना के साथ जुड़े, इसके लिए कम से कम 20 लाख किसानों को स्टैंडअलोन सोलर पंप लगाने में मदद की जाएगी. और इसके साथ ही उन्हें 15 लाख सोलराइज ग्रिड से जुड़े सोलर पंप सेट लगाने के लिए भी वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी.
इसके साथ ही आपको बता दें कि इस योजना के माध्यम से किसान अपनी ऐसी जमीनों में भी सोलर पंप लगा सकते हैं, जोकि कृषि योग्य नहीं हैं और अधिक बिजली का उत्पादन कर इसे बेच भी सकते हैं, जिससे उनकी बंजर जमीन भी उनके लिए एक आय का साधन बन जाएगी.
यह योजना किसानों को लाभ पहुँचाने के साथ ही सौर ऊर्जा उत्पादन और सौर खेती को बढ़ावा देगी. जब इस योजना की शुरुआत की गई थी तब सरकार द्वारा इसके लिए 34,422 करोड़ रूपये का आवंटन किया गया था, जिसे अब बढ़ाकर 48 हजार करोड़ रूपये कर दिया जायेगा. इसमें इस फण्ड का आवंटन 4 खंडों में किया जाने का प्रावधान है. ये 4 खंड निम्नलिखित होंगे –
- सौर ऊर्जा का निर्माण
- सौर ऊर्जा कारखाने का निर्माण
- ट्यूबवेल की स्थापना और
- वर्तमान पम्पों का आधुनिकीकरण
इस योजना के विस्तार के ड्राफ्ट में यह कहा गया है कि जो पंप बंजर क्षेत्रों में लगाये जाने वाले हैं वे कुल 28 हजार मेगावाट बिजली का उत्पादन करने में सक्षम होंगे. और इस योजना के पहले चरण में सरकार कृषि मजदूरों को 17.5 लाख सौर ऊर्जा संचालित पंप प्रदान करेगी.
प्रधानमंत्री जी के पहले कार्यकाल के दौरान एक योजना की शुरुआत में किसानों को सिंचाई के लिए सौर ऊर्जा का उपयोग करने के लिए प्रोत्साहित किया गया था. इसके लिए सरकार द्वारा उन्हें सोलर पंप मुहैया कराए गए थे, जिससे वे बिजली का उत्पादन कर अपने खेतों में सिंचाई करते आ रहे हैं. अब इस योजना के विस्तार के माध्यम से सरकार किसानों को आत्मनिर्भर बनाना चाहती हैं कि वे अपने खेतों की सिंचाई एवं बिजली की आवश्यकताओं को स्वयं पूरा कर सकने में सक्षम बनें.
इस योजना से जुड़ने के लिए आवेदक आवेदन किस तरह से कर सकते हैं एवं इसका लाभ कैसे प्राप्त कर सकते हैं, यह सब विस्तार से जल्द ही आपको इस लेख के माध्यम से पता चल जायेगा, तो आप इस लेख के साथ बने रहिये.
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